बीमार बच्ची के दुष्कर्मी को मौत तक कैद:फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फैसले में कहा- जानवरों में भी ऐसी प्रवृत्ति नहीं होती; 2 साल लग गए न्याय मिलने में

बिलासपुर
9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले भोला साहू को उम्रकैद की सजा दी गई।
चाकू की नोंक पर 9 साल की बीमार बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मौत तक कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपी पर अदालत ने 1250 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। घटना 2 साल पहले बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र में हुई थी। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
सरकंडा के मुरूम खदान इलाके में बच्ची अपनी दादी के साथ रहती है। उसके माता-पिता भी मजदूरी करते हैं और घटना के समय बाहर गए हुए थे। बच्ची की दादी रोजी-मजदूरी का काम करती है। बच्ची भी अपनी दादी के साथ काम पर जाती थी। 2 साल पहले 4 दिसंबर 2019 को बच्ची की तबियत खराब होने पर वह उसे पास ही रहने वाली उसकी नानी के घर छोड़ कर अपने काम पर चली गई थी। लेकिन जब दादी दोपहर में वापस आई तब बच्ची ने रोते हुए उसने अपने साथ हुए दुष्कर्म की बात बताई। बच्ची ने बताया कि तबियत खराब होने की वजह से सो गई थी। इसी दौरान घर में मुरूम खदान इलाके का ही भोला साहू चोरी छिपे घर में घुस गया और चाकू दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। वारदात के वक्त बच्ची की नानी घर के काम करने में व्यस्त थी, जिसके चलते आरोपी को घर में घुसने का मौका मिल गया। घटना की जानकारी के बाद बच्ची की दादी ने घटना की जानकारी सरकंडा थाने में दी। पुलिस ने तुरंत ही आरोपी भोला साहू को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धारा 376,506,450 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। पूरे मामले पर सुनवाई के बाद अब 2 साल बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने कहा ऐसी प्रवृत्ति तो जानवर में भी नहीं होती
मामले पर फैसला जारी करते हुए पॉस्को कोर्ट के जज अपर सत्र न्यायाधीश विवेक तिवारी ने अपने आदेश में लिखा कि, महिला की गोपनीयता और पवित्रता के अधिकार का ऐसा उल्लंघन उसके संपूर्ण जीवनकाल को प्रभावित करता है। यह न सिर्फ उसके सर्वोच्च सम्मान पर गंभीर प्रहार है, बल्कि उसके आत्मविश्वास व उसकी प्रतिष्ठा के प्रति अपराध होकर उसे अपमानित करता है। बच्चों के साथ ऐसा होने पर उसकी गंभीरता और अधिक हो जाती है। इस प्रकरण में अभियुक्त द्वारा 9 वर्ष की बच्ची को चाकू से डराते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया गया, जो यह दर्शित करता है कोई व्यक्ति इस हद तक कामांध हो सकता है कि उसे छोटे – बड़े या किसी रिश्ते से भी कोई अंतर नहीं पड़ता। ऐसी प्रकृति यह सोचने के लिए विवश करती है कि क्या सही में मानव ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है , क्योंकि यह प्रवृत्ति तो जानवर में भी नहीं होती।